Reserve Bank of India : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब सवाल उठता है कि अगर आपका खाता इस बैंक में है, तो आपको अपना पैसा कैसे मिलेगा? और अगर आपका खाता इस बैंक में नहीं है, तब भी यह जानना आपके लिए जरूरी है कि बैंक बंद होने की स्थिति में आरबीआई के नियम क्या कहते हैं।
बैंकों में जमा पैसों को सुरक्षित मानने वाले लोगों के लिए यह खबर थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। हालांकि, आरबीआई ने इस मामले में ग्राहकों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद ग्राहकों को कितने रुपये मिलते हैं और पूरी प्रक्रिया क्या है।
बैंकिंग सिस्टम का बढ़ता महत्व
आजकल बैंकों के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। पैसे ट्रांसफर करने से लेकर पेमेंट लेने और करने तक सबकुछ बैंकों के माध्यम से होता है। कैश का उपयोग अब पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। लोग अपने ज्यादातर पैसे बैंकों में जमा रखते हैं। लेकिन जब कोई बैंक बंद हो जाता है, तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि ग्राहकों के पैसे का क्या होगा।
क्यों हुआ लाइसेंस रद्द
बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस आरबीआई ने इसलिए रद्द किया है क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और भविष्य में आय की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही थी। इसके चलते आरबीआई ने फैसला लिया कि 4 जुलाई से इस बैंक का बैंकिंग ऑपरेशन बंद कर दिया जाए।
आरबीआई ने बताया कि बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति ऐसी थी कि वह जमाकर्ताओं को पूरा पैसा लौटाने में सक्षम नहीं था। अगर इसे चालू रखा जाता, तो जमाकर्ताओं के हितों पर खतरा मंडरा सकता था।
जमा और निकासी पर रोक
आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द करने के साथ ही बैंक में जमा और निकासी पर भी रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि अब ग्राहक इस बैंक से पैसा नहीं निकाल सकते।
ग्राहकों के लिए क्या है समाधान
आरबीआई ने इस बैंक के ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि उनके हित सुरक्षित हैं। बैंक में जमा पैसे को लेकर ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। आरबीआई के मुताबिक, बैंक में जमा सभी ग्राहकों का बीमा होता है, जिसके तहत प्रत्येक ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये तक का रिफंड मिल सकता है।
बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC)
हर बैंक में जमाकर्ता के जमा पैसे का बीमा होता है, जिसे DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के तहत कवर किया जाता है। अगर बैंक बंद हो जाता है, तो जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की राशि क्लेम कर सकते हैं। इस राशि में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं।
99.98% ग्राहकों को मिलेगा पूरा पैसा
बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के मामले में राहत की बात यह है कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.98% जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। DICGC के माध्यम से इन ग्राहकों को उनका पूरा पैसा वापस मिलेगा।
आरबीआई के मुताबिक, 30 अप्रैल 2024 तक इस बैंक के 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। यानी ज्यादातर ग्राहकों को पहले ही उनका पैसा मिल चुका है।
पैसे कैसे क्लेम करें
अगर आपका खाता इस बैंक में है और आप पैसा क्लेम करना चाहते हैं, तो आपको उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से संपर्क करना होगा। आरबीआई ने इस बैंक के लिए परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त किया है, जो बैंक की संपत्तियों का निपटारा करेगा और ग्राहकों को उनके पैसे लौटाएगा।
आरबीआई का फैसला क्यों सही है
बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आरबीआई का यह फैसला ग्राहकों के हित में है। अगर इस बैंक को चालू रखा जाता, तो जमाकर्ताओं का पैसा डूबने का खतरा था। लिहाजा, इसे बंद करके और DICGC के माध्यम से ग्राहकों को बीमा राशि उपलब्ध कराकर आरबीआई ने जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
अगर आपका खाता बनारस मर्चेंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में था, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप DICGC के तहत अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि क्लेम कर सकते हैं। साथ ही, आरबीआई यह सुनिश्चित कर रहा है कि 99.98% ग्राहकों को उनका पूरा पैसा वापस मिले। बैंकिंग सिस्टम में आरबीआई का यह कदम जमाकर्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का एक और उदाहरण है।