RBI New Update : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से जुड़ी शिकायतों को लेकर कुछ नए और कड़े नियम लागू किए हैं। ये नियम 26 जनवरी से प्रभावी हो गए हैं, और इनका उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से और पारदर्शी तरीके से करना है। आइए, जानते हैं इन नए नियमों के बारे में :
शिकायतों की जानकारी देनी होगी।
अब क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर प्राप्त शिकायतों की संख्या बतानी होगी। यह जानकारी अनिवार्य रूप से साझा करनी होगी, ताकि उपभोक्ता को उनके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
सिबिल स्कोर की जांच की सूचना भेजनी होगी।
अगर कोई बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) उपभोक्ता का क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है, तो उसे एसएमएस या ईमेल के माध्यम से उपभोक्ता को सूचित करना होगा। यह कदम ग्राहकों की समस्याओं को देखते हुए उठाया गया है।
अर्जी रिजेक्ट करने का कारण बताना होगा।
अगर कोई उपभोक्ता अपनी अर्जी लगाता है और वह खारिज हो जाती है, तो उसे रिजेक्ट करने की वजह बतानी होगी। इस नियम से उपभोक्ता को यह समझने में मदद मिलेगी कि क्यों उसकी अर्जी रिजेक्ट हुई।
फ्री में फुल क्रेडिट रिपोर्ट जांचने का अधिकार।
अब उपभोक्ताओं को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देखने का अधिकार मिलेगा। क्रेडिट कंपनियां अपनी वेबसाइट पर लिंक देंगे, जिससे ग्राहक अपनी रिपोर्ट को आसानी से चेक कर सकेंगे और सुधार करवा सकेंगे।
लोन डिफॉल्ट की जानकारी पहले दी जाएगी।
अगर किसी बैंक को किसी उपभोक्ता का लोन डिफॉल्ट घोषित करना है, तो पहले उसे उपभोक्ता को सूचना देनी होगी। इससे उपभोक्ता को सुधार का मौका मिलेगा और कोई गलतफहमी नहीं होगी।
शिकायत का समाधान 30 दिन में होगा।
अब क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को उपभोक्ता की शिकायतों का समाधान 30 दिनों के भीतर करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करतीं, तो उन्हें हर दिन 100 रुपये का जुर्माना भरना होगा। लोन देने वाली संस्थाओं को 21 दिन का समय मिलेगा और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा।
इन नए नियमों के तहत उपभोक्ताओं को ज्यादा पारदर्शिता और जल्द समाधान मिलने की उम्मीद है।