EPS-95 Pension : हमारे देश के पेंशन धारक पिछले कुछ समय से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेंशन धारकों से मुलाकात की है।
पेंशन धारकों ने इस मुलाकात में न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की है। इस बैठक की अगुवाई ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक रावत ने की।
कमांडर अशोक रावत को उम्मीद है कि भारत सरकार अगले बजट सत्र 2025 में पेंशन धारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और महंगाई भत्ते की घोषणा जल्द करेगी, ताकि इसका लाभ पेंशन धारकों को मिल सके।
EPS-95 Pension
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना (ईपीएस 95) के तहत पेंशनधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला। इस मुलाकात में उन्होंने कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति महीने और महंगाई भत्ते के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
आपको बता दें कि इस बैठक की अगुवाई ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने की। राउत ने कहा कि पेंशन भोगी पिछले 7-8 सालों से अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
वित्त मंत्री का भरोसा
राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक रावत ने हाल ही में एक अहम बैठक के बाद बयान दिया कि वित्त मंत्री ने पेंशन धारकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का वादा किया है। रावत ने इस वादे को पेंशनधारकों के लिए उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को आगामी बजट में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और महंगाई भत्ता (DA) देने की घोषणा करनी चाहिए।
रावत का मानना है कि पेंशन धारकों को 7500 रुपये की न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ता देना बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक और आरामदायक जीवन जीने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
यह मुद्दा खासतौर पर उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिनका जीवन यापन पूरी तरह पेंशन पर निर्भर है। अब सभी की नजरें सरकार पर हैं कि वह इस पर क्या कदम उठाती है।
कर्मचारी महा संगठन ने पेंशन के मुद्दे पर कुछ अहम मांगें उठाई हैं
- न्यूनतम पेंशन: पेंशन धारकों की ₹1000 की पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने की मांग।
- महंगाई भत्ता: पेंशन के साथ महंगाई भत्ते को जोड़ने की जरूरत।
- मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं: पेंशनधारकों और उनके जीवनसाथियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने की मांग।
पेंशनधारकों की स्थिति पर चर्चा
कमांडर अशोक रावत ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई चर्चा में देशभर के पेंशनधारकों की गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि 78 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी आज भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
रावत ने विशेष रूप से 2014 में भारत सरकार द्वारा घोषित ₹1000 की न्यूनतम पेंशन का जिक्र करते हुए कहा कि यह कदम भले ही सराहनीय था, लेकिन आज के समय में यह रकम अपर्याप्त साबित हो रही है। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि 36.60 लाख से अधिक पेंशनधारकों को उनकी निर्धारित न्यूनतम पेंशन से भी कम राशि मिल रही है।
रावत ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से अनुरोध किया कि वह पेंशनधारकों की स्थिति को गंभीरता से समझे और उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए पेंशन राशि में बढ़ोतरी की घोषणा करे।