Income Tax : इनकम टैक्स न भरने वालों के लिए आज की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। हम आपको बताएंगे कि जिन लोगों पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता, उन्हें किन-किन नुकसान का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें क्या सजा मिल सकती है। अगर आप इनकम टैक्स से जुड़ी पूरी जानकारी चाहते हैं, तो नीचे विस्तार से पढ़ें।
कर भरने वाले लोग देश के राजस्व में योगदान करते हैं, जबकि कर चोरी करने वाले या टैक्स न भरने वाले इससे नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है। समय पर टैक्स भरने से कई समस्याओं से बचा जा सकता है। कई टैक्सपेयर को टैक्स से जुड़े नियमों की जानकारी नहीं होती है। आयकर अधिनियम के तहत सभी करदाताओं के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। आयकर विभाग ने टैक्स न भरने वालों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है।
कर व्यवस्था चुनने का विकल्प मिलता है
टैक्स से जुड़े नियमों के बारे में टैक्सपेयर को जानकारी होनी चाहिए, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। अब तो आईटी विभाग टैक्सपेयर को उनकी आय के हिसाब से पुराने और नए टैक्स रेजीम के बीच सही विकल्प चुनने की सुविधा दे रहा है।
जानिए नए कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब्स के बारे में
- 1. 3 लाख रुपए सालाना तक: कोई टैक्स नहीं
- 3 लाख से 7 लाख रुपए सालाना तक: 5%
- 7 लाख से 10 लाख रुपए सालाना तक: 10%
- 10 लाख से 12 लाख रुपए सालाना तक: 15%
- 12 लाख से 15 लाख रुपए सालाना तक: 20%
- 15 लाख रुपए सालाना से ज्यादा: 30%
नोट: इनकम टैक्स के नए टैक्स रेजीम में 75,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दिया जाता है।
जानिए Old Tax Regime के तहत टैक्स स्लैब क्या हैं
- 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय: 0% टैक्स
- 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की सालाना आय: 5% टैक्स
- 5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना आय: 20% टैक्स
- 10 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आय: 30% टैक्स
नोट: पुराने टैक्स सिस्टम के तहत 5 लाख तक की सालाना आय पर टैक्स में छूट मिलती है। 5 लाख रुपए तक की आय वाले लोग ACT 87ए के तहत 12,500 रुपए की छूट का लाभ ले सकते हैं।
टैक्स समय पर न भरने पर आपको इतना जुर्माना देना पड़ेगा
अगर आप समय पर Tax नहीं भरते हैं, तो आपको जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। Tax जमा करने की आखिरी तारीख तक अगर आपने Income Tax return फाइल नहीं किया, तो आपको जुर्माना देना होगा। अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये है, तो आपको 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा। लेकिन अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो जुर्माना लगभग 5000 रुपये तक पहुंच सकता है।
अनपेड टैक्स पर इतना ज्यादा ब्याज लगता है
Tax के नियमों के अनुसार, अनपेड Tax पर ब्याज लगाया जाता है। Income Tax की ACT 234ए के तहत अगर आप Income Tax return समय पर नहीं भरते हैं, तो आपको 1% प्रति माह ब्याज देना होगा। ACT 234बी के तहत अनपेड एडवांस Tax पर भी यही 1% प्रति माह का ब्याज लगता है। वहीं, Income Tax की ACT 234सी के अनुसार, अगर आप एडवांस Tax की किस्तें देर से जमा करते हैं, तो उस पर भी ब्याज लागू होता है।
डिमांड नोटिस क्यों जारी किया जाता है
अगर आप समय पर टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग ACT 156 के तहत आपके खिलाफ एक डिमांड नोटिस जारी कर सकता है। इस नोटिस में एक निश्चित समय सीमा दी जाती है, जिसके अंदर टैक्सपेयर्स को बकाया राशि चुकानी होती है। अगर टैक्सपेयर्स इस नोटिस को नजरअंदाज करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
कर चोरी पर दंड का भुगतान
कर चोरी, जिसे हम Tax इवेजन कहते हैं, अगर जानबूझकर की जाए या अनजाने में, दोनों ही हालात में Taxpayer को Penalty का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप Income Tax भरते समय गलत जानकारी देते हैं, तो ACT 270ए के तहत कम रिपोर्ट किए गए Tax पर 50% से लेकर 200% तक का जुर्माना लग सकता है।
संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है
अगर आप लगातार IT विभाग के नोटिस का पालन कर रहे हैं, तो इस स्थिति में आयकर विभाग आपकी संपत्तियों जैसे प्रॉपर्टी और गाड़ियों को जब्त कर सकता है। वहीं, गार्निशमेंट एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए आय का एक हिस्सा सीधे आपके वेतन या भुगतान से काटा जाता है।
क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है
अगर आप समय पर टैक्स नहीं चुकाते हैं, तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ सकता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है, और भविष्य में लोन या उधारी लेना मुश्किल हो सकता है। गंभीर हालात में, विदेश मंत्रालय आपके पासपोर्ट को रद्द कर सकता है, जिससे आप अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर पाएंगे।
जेल में जाना पड़ सकता है
कर चोरी जैसे गंभीर मामलों में मामला कोर्ट तक पहुंच सकता है और आपके खिलाफ कोर्ट में केस चल सकता है, जिससे आपको कर चोरी के लिए बड़ा जुर्माना और तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा हो सकती है।
नॉन कंप्लायंस को इस तरह ठीक करें
बिलेटेड रिटर्न – आप नॉन कंप्लायंस को ठीक करने के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है और इस पर थोड़ा ब्याज भी लग सकता है।
अगर आपके रिटर्न में कोई गलती है, तो आप उसे ठीक करने के लिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
वॉलेंटरी डिस्क्लेमर स्कीम – आयकर विभाग समय-समय पर करदाताओं के लिए नई योजनाएं लाता है, इनमें से एक है वॉलंटरी डिस्क्लेमर स्कीम, जिसे आयकर विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना के तहत करदाताओं को जुर्माना देकर अपनी इच्छा से अघोषित आय का खुलासा करने की अनुमति दी जाती है। इससे वे अपनी अघोषित आय को कानूनी रूप से दर्ज करवा सकते हैं और फिर उस पर आयकर चुकाने का अवसर मिलता है।