Low Credit Score : अगर आपका क्रेडिट स्कोर थोड़ा कम है और आपको लोन चाहिए, तो ये थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन असंभव नहीं। बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस आमतौर पर उन लोगों को तरजीह देती हैं जिनका स्कोर अच्छा होता है। फिर भी, कुछ सही तरीके अपनाकर आप अपने कम स्कोर के बावजूद लोन हासिल कर सकते हैं।
Credit Score कम होने के पीछे के कारण और इसके प्रभाव
क्रेडिट स्कोर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ का मिरर है। ये नंबर आपकी कर्ज और भुगतान की आदतों को दर्शाता है। अगर आपने कभी अपने क्रेडिट कार्ड की पेमेंट में देरी की है, लोन की किश्तें टाइम पर नहीं भरी हैं, या ओवरड्राफ्ट की लिमिट पार कर दी है, तो आपका स्कोर डाउन हो सकता है।
अब असर की बात करें तो, जब आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान आपको रिस्की कस्टमर मानने लगते हैं। इसका नतीजा ये होता है कि या तो आपको लोन नहीं मिलता, या अगर मिलता भी है तो ज्यादा ब्याज दर पर। यहां तक कि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी कम हो सकती है।
समस्या से बचने के लिए कोशिश करें कि हमेशा अपनी पेमेंट समय पर करें और अनावश्यक कर्ज लेने से बचें। ध्यान रखें, अच्छा क्रेडिट स्कोर फाइनेंशियल आज़ादी का रास्ता खोलता है!
कम क्रेडिट स्कोर पर लोन लेने के सरल तरीके
अगर आपका स्कोर थोड़ा कम है, तो लोन के लिए आवेदन करने के कुछ तरीके हैं। आप एक सह-आवेदक जोड़ सकते हैं, जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। इससे बैंक को यकीन होता है कि लोन समय पर चुकाया जाएगा। इसके अलावा, आप एक गारंटर भी रख सकते हैं, जो आपके लोन की जिम्मेदारी लेगा।
अगर ये विकल्प आपके लिए नहीं हैं, तो आप सुरक्षित लोन के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसमें आप अपनी संपत्ति, जैसे गहने या एफडी, को बैंक के पास गिरवी रख सकते हैं। इससे बैंक का जोखिम कम होता है और आपका लोन आसानी से स्वीकृत हो सकता है।
एनबीएफसी और डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म का एक और विकल्प
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है और बैंक लोन देने से मना कर रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां) और डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स मददगार साबित हो सकते हैं। ये संस्थाएं बैंक की तुलना में ज्यादा लचीली होती हैं और कम स्कोर वाले लोगों को भी लोन देने के लिए तैयार रहती हैं।
हालांकि, इनके लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर बैंकों से ज्यादा होती हैं। इसका मतलब है कि आपको अपनी पेमेंट्स सही समय पर करनी होंगी ताकि कोई पेनल्टी न लगे। लेकिन यहां एक फायदा भी है – अगर आप इनकी किश्तें समय पर भरते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे बेहतर हो सकता है।
डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर आवेदन प्रक्रिया भी आसान होती है और कम समय में लोन मिल जाता है। ध्यान रखें, सही योजना के साथ ही इन विकल्पों का उपयोग करें ताकि आपका वित्तीय बोझ न बढ़े।
लोन लेते वक्त ध्यान में रखने वाली बातें
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है और आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, लोन की ब्याज दरों पर नजर डालें। कम स्कोर की वजह से ब्याज दरें आमतौर पर ज्यादा होती हैं, जिससे आपकी मासिक EMI बढ़ सकती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आप हर महीने समय पर EMI चुका सकें।
दूसरा, लोन की शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ें। कई बार शर्तों में छिपे हुए चार्ज होते हैं, जैसे प्रोसेसिंग फीस या पेनल्टी चार्ज, जो बाद में परेशानी का कारण बन सकते हैं।
तीसरा, लोन लेने से पहले विभिन्न विकल्पों की तुलना करें। NBFCs और डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी नजर डालें, क्योंकि कई बार ये बैंक से बेहतर डील दे सकते हैं।
सही योजना और समझदारी से लोन लें ताकि यह आपकी फाइनेंशियल हेल्थ को सुधारने में मदद करे, न कि और बिगाड़े।