Edible Oil Prices – अगर आप खाने के तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान थे, तो आपके लिए एक राहत की खबर है। बाजार में खाद्य तेल और तिलहन के दामों में गिरावट देखी गई है। इसकी वजह अगले महीने सरसों की नई फसल का मंडियों में आना और तिलहनी फसलों की बाजार में स्थिति है। आइए, इस पूरी स्थिति को थोड़ा हल्के-फुल्के अंदाज में समझते हैं।
सरसों की नई फसल का असर
सरसों के मामले में इस बार हालात काफी बेहतर रहे। हाफेड और नाफेड जैसी सरकारी सहकारी संस्थाओं ने सरसों के स्टॉक को काफी संतुलित तरीके से जारी किया, जिससे बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव नहीं हुआ। इसका मतलब यह है कि न तो अचानक सरसों तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और न ही स्टॉक की कोई बड़ी कमी दिखी।
इस बीच, बाजार सूत्रों का कहना है कि फरवरी से सरसों की नई फसल आने वाली है। इससे सरसों तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
मूंगफली और बिनौला तेल पर असर
मूंगफली और बिनौला तेल की बात करें, तो इनके दाम भी हल्के पड़े हैं। पिछले कुछ दिनों में मूंगफली और बिनौला खल के दाम में 15-20 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार देखा गया है। इसकी वजह से इन तिलहनों के खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई।
गुजरात में मूंगफली तेल मिल डिलिवरी के दाम अब लगभग ₹13,850 तक आ गए हैं। रिफाइंड मूंगफली तेल की कीमतें भी ₹2,105-2,405 के बीच चल रही हैं।
सोयाबीन तेल का खेल
सोयाबीन तेल की बात करें तो यहां भी स्थिति दिलचस्प है। सोयाबीन डीगम तेल की आयात लागत ₹102 प्रति किलो बैठती है। लेकिन बाज़ार में पैसे की कमी की वजह से आयातक इसे बंदरगाहों पर ₹97 प्रति किलो में बेचने को मजबूर हैं।
इसके अलावा, मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के कारण भी सोयाबीन तेल के दाम टूट रहे हैं। दिल्ली में सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी ₹13,500 और इंदौर में ₹13,300 तक आ गई है।
सीपीओ और पामोलीन तेल की स्थिति
सीपीओ और पामोलीन तेल की बात करें, तो इनकी कीमतें भी घट रही हैं। इन तेलों के दाम ऊंचे जरूर हैं, लेकिन खरीददारों की कमी की वजह से बाजार में ये भी सस्ते हो रहे हैं।
कांडला बंदरगाह पर सीपीओ की कीमत ₹12,950 और पामोलीन की कीमत ₹13,300 तक दर्ज की गई है।
तेल-तिलहनों के मौजूदा दाम
अब बात करते हैं तेल-तिलहनों के मौजूदा भाव की। सरसों तिलहन की कीमत ₹6,550-6,600 के बीच है, जबकि मूंगफली ₹5,850-6,175 तक बिक रही है। सरसों तेल (पक्की घानी और कच्ची घानी) ₹2,300-2,425 के बीच उपलब्ध है।
यहां कुछ और तेलों के दाम दिए गए हैं:
- तिल तेल मिल डिलिवरी: ₹18,900-21,000
- सोयाबीन तेल डीगम: ₹9,650
- बिनौला तेल मिल डिलिवरी (हरियाणा): ₹12,100
बाजार का भविष्य
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, सरसों की नई फसल आने के बाद कीमतों में और गिरावट हो सकती है। साथ ही, मलेशिया एक्सचेंज के ट्रेंड भी खाद्य तेल की कीमतों को प्रभावित करते रहेंगे।
तो अगर आप अपने किचन का बजट प्लान कर रहे हैं, तो ये सही समय हो सकता है कि आप बाजार के मौजूदा हालात का फायदा उठाएं।
आपके लिए एक टिप
अगर आप लंबे समय के लिए तेल स्टॉक करना चाहते हैं, तो थोड़ा इंतजार कर सकते हैं। सरसों की नई फसल और आयातित तेल के दाम गिरने से आने वाले दिनों में कीमतें और कम हो सकती हैं।
खाने-पीने की चीजों की कीमतें हमेशा बदलती रहती हैं, और हमें अपने बजट को उसी के हिसाब से प्लान करना होता है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके काम आएगी और आपके रसोई खर्च को थोड़ा हल्का करेगी। 😊