Public Holiday – गोंडा जिले में 13 और 14 जनवरी को कुछ खास होने वाला है। हर साल पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के मौके पर गोंडा के घाघरा और सरयू नदियों के संगम पर विशाल मेला लगता है। इस बार प्रशासन ने 13 जनवरी को संगम स्नान के चलते सरकारी ऑफिस, स्कूल, और कॉलेज बंद रखने का ऐलान किया है। सोचिए, त्योहार का मजा और छुट्टी का कॉम्बो!
डीएम नेहा शर्मा खुद मैदान में उतरकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रही हैं। उनका कहना है कि सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए ताकि किसी को भी कोई दिक्कत न हो। गोंडा में तो जैसे पूरी तैयारी जोरों पर है!
14 जनवरी: मकर संक्रांति और हजरत अली का जन्मदिन
14 जनवरी को तो डबल धमाका है! मकर संक्रांति के साथ-साथ मोहम्मद हजरत अली का जन्मदिन भी मनाया जाएगा। इस दिन पूरे यूपी में पहले से ही सार्वजनिक अवकाश घोषित है। लोग पवित्र नदियों में स्नान करेंगे, दान करेंगे और त्योहार की खुशियां मनाएंगे।
हां, ये ध्यान रखना कि भले ही पब्लिक हॉलिडे हो, लेकिन अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। तो अगर आप गंगा या सरयू में स्नान की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जल्दी उठने की तैयारी कर लीजिए!
गोंडा के संगम स्नान का खास क्रेज
गोंडा के पसका क्षेत्र में हर साल पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर संगम स्नान होता है। लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और इसे लेकर खासा क्रेज रहता है। प्रशासन ने भी इस बार जबरदस्त इंतजाम किए हैं। डीएम ने खुद हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा है ताकि सब कुछ स्मूथली हो।
मकर संक्रांति का अपना मजा
भारत में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में इसे “मकर संक्रांति”, तमिलनाडु में “पोंगल”, गुजरात में “उत्तरायण” और पंजाब में “लोहड़ी” कहते हैं। हर जगह अलग-अलग नाम, लेकिन जश्न का जोश एक जैसा!
ये त्योहार खास इसलिए भी है क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए परफेक्ट माना जाता है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान करते हैं, और खिचड़ी बनाने की परंपरा को निभाते हैं।
मकर संक्रांति और खरमास का अंत
एक और अच्छी बात ये है कि मकर संक्रांति के साथ खरमास खत्म हो जाता है। इसका मतलब? अब शादी, गृह प्रवेश और बाकी शुभ कामों का सीजन शुरू हो सकता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, ये दिन पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर माना जाता है।
खुशियों और एकता का त्योहार
मकर संक्रांति सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का भी मौका है। पतंगबाजी, परंपरागत कपड़े, और ढेर सारी मस्ती – ये दिन सबको करीब लाता है। ये त्योहार हमारी सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।
तो अगर आप गोंडा या आसपास के इलाके में हैं, तो इस मौके का पूरा फायदा उठाइए। संगम स्नान, मेले की रौनक और मकर संक्रांति की खिचड़ी – सबकुछ मिलाकर ये छुट्टियां आपके लिए यादगार बनने वाली हैं!