Home Loan : हम सभी के लिए अपना घर बनाना या खरीदना एक बड़ा सपना होता है। इसके लिए लोग काफी मेहनत करते हैं और पैसे जोड़ते हैं। लेकिन अक्सर एक साथ इतने पैसे जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में लोग बैंक से होम लोन लेते हैं। बैंक से लोन लेना एक आसान ऑप्शन है, जिसमें आप अपनी प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर फाइनेंशियल मदद ले सकते हैं।
हालांकि, अगर कोई होम लोन की ईएमआई नहीं भर पाता, तो बैंक उस प्रॉपर्टी को नीलाम करके अपना पैसा वसूल करता है। लेकिन ऐसा तुरंत नहीं होता। इसके लिए बैंक एक पूरा प्रोसेस फॉलो करता है। अगर आप भी कभी ऐसी स्थिति में फंस जाएं, तो ये जानना जरूरी है कि बैंक कब प्रॉपर्टी जब्त करता है और आपके पास क्या-क्या अधिकार हैं।
होम लोन न चुकाने पर कब होती है कार्रवाई?
होम लोन की ईएमआई समय पर चुकाना बहुत जरूरी है। अगर आपने लगातार दो महीने तक ईएमआई नहीं भरी, तो बैंक आपको रिमाइंडर भेजता है। अगर तीसरी ईएमआई भी नहीं भरी जाती, तो बैंक आपको कानूनी नोटिस भेजता है। इसके बाद भी अगर पेमेंट नहीं होती, तो बैंक आपके लोन अकाउंट को एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर देता है और आपको डिफॉल्टर करार दे दिया जाता है।
लेकिन, एनपीए घोषित होने के बाद भी बैंक तुरंत आपकी प्रॉपर्टी नीलाम नहीं करता। आपके पास इसे बचाने के कई मौके होते हैं।
नीलामी का प्रोसेस क्या है?
जब कोई व्यक्ति ईएमआई नहीं चुका पाता, तो बैंक उसकी प्रॉपर्टी को तीन कैटेगरी में रखता है:
- सबस्टैंडर्ड एसेट्स: यहां प्रॉपर्टी एक साल तक रहती है।
- डाउटफुल एसेट्स: जब बैंक को लगता है कि रिकवरी मुश्किल है।
- लॉस एसेट्स: जब रिकवरी की उम्मीद खत्म हो जाती है।
प्रॉपर्टी को नीलाम करने का प्रोसेस तभी शुरू होता है, जब वह लॉस एसेट्स में आ जाती है।
नीलामी के नियम क्या हैं?
- नोटिस: नीलामी से पहले बैंक पब्लिक नोटिस जारी करता है, जिसमें प्रॉपर्टी का रिजर्व प्राइस, नीलामी की तारीख और समय की जानकारी दी जाती है।
- वैल्यूएशन: अगर आपको लगता है कि आपकी प्रॉपर्टी का सही मूल्य तय नहीं हुआ है, तो आप नीलामी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।
- बची रकम: नीलामी के बाद, बैंक लोन रिकवरी के लिए जितनी रकम चाहिए, उतनी लेता है और बची रकम आपको लौटाता है।
अपने अधिकारों को जानें
अगर आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी हो रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं। आपको अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
- नोटिस का अधिकार: बैंक को प्रॉपर्टी जब्त करने और नीलाम करने से पहले नोटिस देना जरूरी है।
- नीलामी पर नजर: नीलामी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और आप इस पर नजर रख सकते हैं।
- बची हुई रकम का अधिकार: अगर नीलामी के बाद कोई अतिरिक्त रकम बचती है, तो बैंक को वह आपको लौटानी होगी।
नीलामी से बचने के उपाय
अगर आप ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं, तो इन उपायों पर गौर करें:
- रीफाइनेंसिंग: आप किसी और बैंक से लोन लेकर पुराने लोन को चुका सकते हैं।
- प्रॉपर्टी की सेल: नीलामी से पहले खुद अपनी प्रॉपर्टी बेच दें और लोन चुका दें।
- बैंक से बात करें: अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बैंक को बताएं और उनसे राहत की गुजारिश करें।
अपना घर हर किसी के लिए बेहद खास होता है। अगर कभी ऐसी स्थिति आए कि आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो घबराएं नहीं। अपने अधिकारों को जानें और बैंक के साथ मिलकर कोई समाधान निकालें। हमेशा ईएमआई समय पर चुकाने की कोशिश करें, ताकि आपको इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।