8th Pay Commission Salary Update 2025 : सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को हरी झंडी दे दी है। यह आयोग 2026 तक तैयार हो सकता है। इसका उद्देश्य 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन में सुधार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर मुहर लगाई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि आयोग के चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। यह आयोग वेतन, भत्तों और पेंशन संबंधी मुद्दों की समीक्षा करेगा।
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होने वाला है
2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा। इस वजह से 2025 में 8वें वेतन आयोग का गठन शुरू होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि 7वें आयोग के समाप्त होने से पहले 8वें आयोग की सिफारिशें तैयार हो जाएं। इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच उत्साह है।
हर 10 साल में होता है नया आयोग
केंद्र सरकार हर 10 साल में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन की समीक्षा के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। यह आयोग महंगाई, अर्थव्यवस्था और कर्मचारी कल्याण को ध्यान में रखकर सिफारिशें तैयार करता है। इसके सुझावों के आधार पर सैलरी, पेंशन और भत्तों में बदलाव किए जाते हैं।
दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेश आमतौर पर केंद्र की सिफारिशों को तुरंत लागू कर देते हैं। वहीं, राज्य सरकारें अपने हिसाब से इन्हें लागू करती हैं।
अब तक 7 वेतन आयोग बन चुके हैं
आजादी के बाद से अब तक 7 वेतन आयोग बनाए गए हैं। 7वें वेतन आयोग के तहत सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ कि पे-बैंड सिस्टम को सरल वेतन मैट्रिक्स से बदल दिया गया। इससे कर्मचारियों की सैलरी में पारदर्शिता आई। न्यूनतम वेतन ₹18,000 और टॉप अधिकारियों का वेतन ₹2.5 लाख प्रति माह तय किया गया।
इसके अलावा, 2016 में लागू 7वें वेतन आयोग के कारण केंद्र सरकार का खर्च एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गया था।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें हैं
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बड़े सुधार की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। यह बदलाव न्यूनतम सैलरी को ₹51,480 तक ले जा सकता है।
यदि कर्मचारियों की यूनियनों की मांग पूरी होती है और फिटमेंट फैक्टर को 3 तक बढ़ाया जाता है, तो सैलरी में लगभग 180% की वृद्धि हो सकती है।
पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार न्यूनतम पेंशन को ₹9,000 से बढ़ाकर ₹17,280 तक कर सकती है। यह पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि इससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और महंगाई के साथ तालमेल बैठाना आसान हो जाएगा। अगर यह सिफारिशें लागू होती हैं, तो पेंशनर्स को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। यह कदम पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में इजाफा
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 रखा गया था, जिससे न्यूनतम सैलरी ₹18,000 हो गई थी। 8वें आयोग में इसे 2.86 से 3 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम सैलरी ₹34,650 से ₹51,480 तक हो सकती है।
उदाहरण के लिए, जिनकी वर्तमान सैलरी ₹18,000 है, वे 8वें वेतन आयोग के बाद ₹51,480 तक की सैलरी पा सकते हैं।
कर्मचारी यूनियनों की मांगें
कर्मचारी यूनियनों ने अपनी सैलरी बढ़ोतरी के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उनकी मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को 3 तक बढ़ाया जाए। अगर यह लागू होता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में 180% तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि काफी बड़ा फायदा होगा। हालांकि, ये सभी प्रस्ताव अभी चर्चाओं में हैं और किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा गया है। कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि इससे उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। अभी यह देखना बाकी है कि सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है।
महंगाई और जीवनयापन पर असर
8वें वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी में सुधार करना है ताकि वे महंगाई के साथ तालमेल बिठा सकें। यह आयोग देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर सिफारिशें देगा, जो कर्मचारियों के जीवनस्तर को बेहतर बनाएंगी।
कब आएंगी सिफारिशें?
2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। आयोग के पास 2026 तक सिफारिशें तैयार करने का समय होगा, ताकि इन्हें लागू करने में देरी न हो।
8वें वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत साबित होगा। यह सिफारिशें महंगाई के असर को कम करने और कर्मचारियों की जिंदगी को बेहतर बनाने में मदद करेंगी। कर्मचारी यूनियनों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को ध्यान में रखेगी और सैलरी में अधिकतम बढ़ोतरी सुनिश्चित करेगी।